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24 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

वर्षों पिंजरे में क़ैद पंक्षी उड़ान क्या जाने,
भला धरणी के दर्द को आसमान क्या जाने,
है आसां नहीं समझना मूक प्राणी के दर्द को
वो किस दर्द से गुज़रते हम इंसान क्या जाने

Language: Hindi
156 Views
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