Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

जलती लौ में जलता कैसे परवाना लिखते हैं,
प्यार में टूटे दिल का जो अफ़साना लिखते हैं,
वो छोड़ के कुर्बानी वीरों की अमर कहानी को
प्रेमी, पागल, दीवानों का मर जाना लिखते हैं,,

Language: Hindi
174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
Radhakishan R. Mundhra
प्रतिबद्ध मन
प्रतिबद्ध मन
लक्ष्मी सिंह
बंटते हिन्दू बंटता देश
बंटते हिन्दू बंटता देश
विजय कुमार अग्रवाल
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सफ़ेदे का पत्ता
सफ़ेदे का पत्ता
नन्दलाल सुथार "राही"
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
shabina. Naaz
■ सीधी-सपाट...
■ सीधी-सपाट...
*Author प्रणय प्रभात*
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*सुख-दुख के दोहे*
*सुख-दुख के दोहे*
Ravi Prakash
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
Kanchan Alok Malu
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
Dr MusafiR BaithA
3043.*पूर्णिका*
3043.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साइबर ठगी हाय रे, करते रहते लोग
साइबर ठगी हाय रे, करते रहते लोग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आंख मेरी ही
आंख मेरी ही
Dr fauzia Naseem shad
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राधा
राधा
Mamta Rani
गांव का दृश्य
गांव का दृश्य
Mukesh Kumar Sonkar
"क्रूरतम अपराध"
Dr. Kishan tandon kranti
आग लगाते लोग
आग लगाते लोग
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
कल की चिंता छोड़कर....
कल की चिंता छोड़कर....
जगदीश लववंशी
Ek galti har roj kar rhe hai hum,
Ek galti har roj kar rhe hai hum,
Sakshi Tripathi
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
Vaishaligoel
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
DrLakshman Jha Parimal
Loading...