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30 May 2021 · 1 min read

मुक्तक

१.

जब देवालय तुम्हारे प्रयोजन सिद्ध करने लगें

जब तुम पर देव पुष्प बरसाने लगें

जब तुम पर से ग्रहण रुपी बादल छंटने लगें

तुम महसूस करना तुम उस परमेश्वर के प्रिय हो गए हो

२.

निर्मल जो तेरे भाव हो जाएँ

आसक्ति जो प्रभु में तेरी हो जाए

प्रकृति का हर कण जब तुझे भाने लगे

ये समझो तुम्हारे मन में प्रभु का वास है

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 215 Views
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