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27 Feb 2021 · 1 min read

मुक्तक

हुआ वीरान सा मौसम कहो मुसकाए कैसे हम,
आँखें हो गयीं क्यूँ नम तुम्हें समझाए कैसे हम,
अँधेरी रात की गहरी ख़ामोशी में हैं तनहा दिल
दिए की लौ हुई मद्धम ज़ख़्म दिखलाए कैसे हम….

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 260 Views
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