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28 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

2122 2122 2122 212

बोझ सी लगने लगी अब जिंदगी अपनी मुझे।
कर रहे हालात मुझको इस तरह ज़ख्मी मुझे।

इस ग़रीबी ने किया अब आज यूँ लाचार है
देख तन कपड़े फ़टे सब कह रहे बहसी मुझे।

Language: Hindi
1 Like · 419 Views
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