Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2020 · 1 min read

मुक्तक

करोगे जो भला जग का तो खुद का भी भला होगा।
दिलों के बीच भी तब तो बहुत कम फासला होगा।
खपा दो जिंदगी अपनी सदा इंसानियत खातिर-
अगर मर भी गए तो नाम पर दीपक जला होगा।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
जीना सीख लिया
जीना सीख लिया
Anju ( Ojhal )
लाठी बे-आवाज (कुंडलिया)
लाठी बे-आवाज (कुंडलिया)
Ravi Prakash
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
2386.पूर्णिका
2386.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इज़हार ज़रूरी है
इज़हार ज़रूरी है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
चलो♥️
चलो♥️
Srishty Bansal
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
Rj Anand Prajapati
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
वज़ूद
वज़ूद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
यह समय / MUSAFIR BAITHA
यह समय / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मेरी आत्मा ईश्वर है
मेरी आत्मा ईश्वर है
Ms.Ankit Halke jha
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
Loading...