Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 1 min read

मुक्तक

फ़क़त उसके बांटने से नहीं बटें हम
हम में बाटने वाले जिन्न का साया है

मैं तो तुझ में तुझ जैसा ही हूं… तूने ही
कभी राम कभी रहमान कह के बुलाया है
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
शमशान और मैं l
शमशान और मैं l
सेजल गोस्वामी
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
आलोचना
आलोचना
Shekhar Chandra Mitra
भाव
भाव
Sanjay ' शून्य'
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
Er. Sanjay Shrivastava
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
भारत का अतीत
भारत का अतीत
Anup kanheri
कभी कम न हो
कभी कम न हो
Dr fauzia Naseem shad
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
"आँखें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
दोस्ती से हमसफ़र
दोस्ती से हमसफ़र
Seema gupta,Alwar
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
मेरे आदर्श मेरे पिता
मेरे आदर्श मेरे पिता
Dr. Man Mohan Krishna
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
आश किरण
आश किरण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🌷सारे सवालों का जवाब मिलता है 🌷
🌷सारे सवालों का जवाब मिलता है 🌷
Dr.Khedu Bharti
"शेष पृष्ठा
Paramita Sarangi
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"*पिता*"
Radhakishan R. Mundhra
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
@The electant mother
@The electant mother
Ms.Ankit Halke jha
Loading...