Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

मेरी बात न पूछ हम गहरी अंधेरी रात को भी,
उनके यादों के जुग्नुओ से रौशन कर जाते हैं…

उनकी सुरमई यादों के दामन से लिपट कर
तनहाई को भी गुनगुनाती महफ़िल कर जाते हैं
~ सिद्धार्थ

वो समय ले कर मैं क्या ही करूंगी
जिस समय के दरमियान में प्यार न हो
वो प्यार भला ले कर क्या करूंगी
जो प्यार यार के जानिब का न हो
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
4 Likes · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
गति केवल
गति केवल
*Author प्रणय प्रभात*
ये कैसे आदमी है
ये कैसे आदमी है
gurudeenverma198
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
"वक्त वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
*बेवफ़ा से इश्क़*
*बेवफ़ा से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
उस दिन
उस दिन
Shweta Soni
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
याद  में  ही तो जल रहा होगा
याद में ही तो जल रहा होगा
Sandeep Gandhi 'Nehal'
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
पूर्वार्थ
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
अभिनव अदम्य
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
Priya princess panwar
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
2771. *पूर्णिका*
2771. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
Shekhar Chandra Mitra
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
दोहे
दोहे
सत्य कुमार प्रेमी
🍁अंहकार🍁
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
लोगबाग जो संग गायेंगे होली में
लोगबाग जो संग गायेंगे होली में
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...