मुक्तक
1.
स्त्रियां प्रेम करती नहीं, वो स्वयं प्रेम होती हैं
जो हो वही हुआ नहीं जा सकता
पानी को पानी आग को आग किया नहीं जा सकता
~ पुर्दिल
2.
तुम्हारी तलाश में खुद में ही भटक रही हूं मैं
तुम सा मिले न कोई तो तेरी यादों में अटक
रही हूं मैं
हर मोड़ पे बरबस ही मंजर बदल जाता है
वस्ल की चाह में हिज्र से ही लिपट रही हूं मैं
~ पुर्दिल