Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2019 · 1 min read

मुक्तक

इस दिल में तूफ़ान छिपाए बैठे हैं
दिल को शीशे सा चमकाए बैठे हैं
सभी देवता बनने की कोशिश में हैं
हम खुद को इंसान बनाए बैठे हैं…

Language: Hindi
2 Likes · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नानी की कहानी होती,
नानी की कहानी होती,
Satish Srijan
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐अज्ञात के प्रति-21💐
💐अज्ञात के प्रति-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन संवाद
जीवन संवाद
Shyam Sundar Subramanian
रूपगर्विता
रूपगर्विता
Dr. Kishan tandon kranti
मुहब्बत हुयी थी
मुहब्बत हुयी थी
shabina. Naaz
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
Ravi Prakash
ये पल आएंगे
ये पल आएंगे
Srishty Bansal
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
आंखों में शर्म की
आंखों में शर्म की
Dr fauzia Naseem shad
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
Kshma Urmila
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मिसाल उन्हीं की बनती है,
मिसाल उन्हीं की बनती है,
Dr. Man Mohan Krishna
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Sakshi Tripathi
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
2451.पूर्णिका
2451.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी दोहा लाड़ली
हिन्दी दोहा लाड़ली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बहुत कुछ था कहने को भीतर मेरे
बहुत कुछ था कहने को भीतर मेरे
श्याम सिंह बिष्ट
■ इस ज़माने में...
■ इस ज़माने में...
*Author प्रणय प्रभात*
आया होली का त्यौहार
आया होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
"बच्चे "
Slok maurya "umang"
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
Loading...