Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
आज चांद को देखा, वो बड़ी इंतजार के बाद आया
रौशनी के पलकों के तीर से गिर जाने के बाद आया ।

एक तुम हो और दूजा मेरा वो पागल सा आईना
देखूं खुद को तो ‘जां’ तेरी सूरत मुझे नज़र आया !
…सिद्धार्थ
२.
जाने तुम क्यूँ जल्दी मे थे रुठ के जाने को
आज दिल कह रहा है तुमको मनाने को !
…सिद्धार्थ
३.
तुम से तो हमारा प्रेम दोगुना है यारा
एक तुम एक तुम में वो यार हमारा !
…सिद्धार्थ
४.
बात ही करना है गर तो मेरे आंख में आंख डाल के बात कर
लड़ना है गर तो पीठ पीछे नहीं तलवार थाम के बात कर !
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 461 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
यह मेरी इच्छा है
यह मेरी इच्छा है
gurudeenverma198
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
When compactibility ends, fight beginns
When compactibility ends, fight beginns
Sakshi Tripathi
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शाहकार (महान कलाकृति)
शाहकार (महान कलाकृति)
Shekhar Chandra Mitra
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
Heart Wishes For The Wave.
Heart Wishes For The Wave.
Manisha Manjari
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सिंहावलोकन घनाक्षरी*
सिंहावलोकन घनाक्षरी*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
★ IPS KAMAL THAKUR ★
3005.*पूर्णिका*
3005.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दर्द
दर्द
Satish Srijan
वीर सुरेन्द्र साय
वीर सुरेन्द्र साय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"फितरत"
Ekta chitrangini
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
*कभी लगता है : तीन शेर*
*कभी लगता है : तीन शेर*
Ravi Prakash
गम्भीर हवाओं का रुख है
गम्भीर हवाओं का रुख है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी "अश्क " बहाए होगे..?
Sandeep Mishra
Loading...