मुक्तक
१.
बिन मोहन राधा भी तो
पुर्दिल बस आधा आधा है !
…सिद्धार्थ
२.
‘माधव’ धरु बांह तुम्हरी की तुम…
सखियाँ के लाने नाही रहे एहि जुग में विस्वासा
माधव तुम पाथर हम तुमसे भये परिणाम निराशा,..
…सिद्धार्थ
१.
बिन मोहन राधा भी तो
पुर्दिल बस आधा आधा है !
…सिद्धार्थ
२.
‘माधव’ धरु बांह तुम्हरी की तुम…
सखियाँ के लाने नाही रहे एहि जुग में विस्वासा
माधव तुम पाथर हम तुमसे भये परिणाम निराशा,..
…सिद्धार्थ