मुक्तक
हमारा सरपरस्त पस्त हुआ है भूख मिटाने में
अख़बार से निकल हमारे हांथ तक आ जा ‘भेल-पूरी’
चखेंगे हम सब तुझे, बैठ अपने ही गरीब खाने में !
…सिद्धार्थ
हमारा सरपरस्त पस्त हुआ है भूख मिटाने में
अख़बार से निकल हमारे हांथ तक आ जा ‘भेल-पूरी’
चखेंगे हम सब तुझे, बैठ अपने ही गरीब खाने में !
…सिद्धार्थ