मुक्तक
‘प्यार’… तुम से कैसे कह दूँ प्यार नहीं है हमें
बस कहने नही आता जिस तरह आता है तुम्हें !
…सिद्धार्थ
***
तुमने पलट कर कुछ तो कहा फिर, जहाँ पे छोड़ दिया
उसी लम्हें हमने आँचल में अपने एक गांठ और जोड़ दिया !
…सिद्धार्थ
‘प्यार’… तुम से कैसे कह दूँ प्यार नहीं है हमें
बस कहने नही आता जिस तरह आता है तुम्हें !
…सिद्धार्थ
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तुमने पलट कर कुछ तो कहा फिर, जहाँ पे छोड़ दिया
उसी लम्हें हमने आँचल में अपने एक गांठ और जोड़ दिया !
…सिद्धार्थ