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18 Jul 2019 · 1 min read

मुक्तक

मशवरा मेरा है कि बेहद सम्हलकर देखना,
आसमां के ताज पर अटका मेरा पर देखना,
आके मेरे कान में बेबस हवा ये कह गई
जल्द ही लौटूंगी मैं बन कर बवंडर देखना॥

Language: Hindi
297 Views
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