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30 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

आज फिर तेरी रुसवाई से, मन फुटकर रोया है
खामोश ,टुटे हुए अशको ने,फिर रुखसार भिगोया है
इंतजार कब तलक करे,तेरी ईश्क की खुदाई का
विश्वास कर के तुम पर,हर बार इसे हमने खोया है।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 467 Views
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