मुक्तक
कुछ लोग उसे फकीर समझते हैं
हम तो भईया हुआ गिरा ज़मीर समझते हैं।
देश को जो बेच दे, बाँट दे और तोड़ दे
उसे,वाहियात-नकारा सरकार समझते हैं !
…सिद्धार्थ …
***
27-04-2019
…सिद्धार्थ…
कुछ लोग उसे फकीर समझते हैं
हम तो भईया हुआ गिरा ज़मीर समझते हैं।
देश को जो बेच दे, बाँट दे और तोड़ दे
उसे,वाहियात-नकारा सरकार समझते हैं !
…सिद्धार्थ …
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27-04-2019
…सिद्धार्थ…