मुक्तक — शिक्षक जीवन !!!
मैं शिक्षक हूं किताबी है, जमाने जिंदगी मेरी।
मैं पढ़ता हूं पढ़ाता हूं, इसी में दिल्लगी मेरी।
मेरे कथनों या वचनों से अगर कोई संवर जाए,
अनुनय और क्या चाहूं, यही है सादगी मेरी।।
राजेश व्यास अनुनय
मैं शिक्षक हूं किताबी है, जमाने जिंदगी मेरी।
मैं पढ़ता हूं पढ़ाता हूं, इसी में दिल्लगी मेरी।
मेरे कथनों या वचनों से अगर कोई संवर जाए,
अनुनय और क्या चाहूं, यही है सादगी मेरी।।
राजेश व्यास अनुनय