मुक्तक — मुझे तेरी मोहब्बत ने —- दौलत का नशा
मुक्तक– १
मुझे तेरी मोहब्बत ने ,कहीं का भी तो ना छोड़ा।
दिया था दिल तुझको मैंने, बता क्यों इसको है तोड़ा।
प्यार करके बदल जाना, प्यार की रीत नहीं साथी,
दुआएं मेरी है तुझको ,सलामत रहे तेरा जोड़ा।।
२
दौलत का नशा यारों ,बड़ा ही खूब होता है।
मनुजता छोड़कर सारी, इसके मद में खोता है।
न इतना भी इसे चाहो ,निर्धन को भी अपनाओ,
टपरिया टूटी है जिसकी,मनुज तो वहां भी सोता है।।
राजेश व्यास अनुनय