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26 Oct 2016 · 1 min read

मुक्तक ::: बना रहे सम्बंध प्यारका::: जितेन्द्र कमल आनंद ( ११७)

मुक्तक
*******
बना रहे सम्बंध प्यार का शुभ दिन – राती ।
हम लिखते हैं स्नेहापूरित सबको पाती ।
बना रहे सहकार ,परस्पर हमसे – तुमसे ।
सबकी जाती ब्रह्म , कहो मत अपनी जाती ।।

श्रंगार छंद
**********
महकता सुमनों – सा हो प्यार ।
गूँजती मधुकर — सी गुंजार ।
अवनि का फूलों से श्रंगार ।
अतिथि का अनुदिन हो सत्कार ।।
—- जितेंद्रकमलआनंद

Language: Hindi
1 Comment · 249 Views
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