मुक्तक – दिल की बस्ती — प्यारा सा सफर!!
( १)उपमा दूं तुझे किसी की, तू अनुपमा है।
तेरे दिल की बस्ती में आकर ही ,यह दिल थमा है।
बस यूं ही ,मेरी जिंदगी में बसी रहना धड़कन बनकर।
इसी चाहत में ,जिगर अपना एक दूजे में रमा है।।
*************************************
(२) प्यारा सा सफर यूं ही कटता रहे।
ना करें कोई जुदा हमें, सब से यही कहें।
जिस सागर में हम डुबकी लगा बैठे,
नाम है जिसका प्यार ,जरा आप भी तो उसमें बहे ।।
— राजेश व्यास अनुनय