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12 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक–घरौंदा

रेत का घरौंदा
सागर का किनारा
प्यार से बनाया
भूलक्कड़ मस्तिष्क
हाथ रखा टूट गया
सज्जो चतुर्वेदी*****

Language: Hindi
341 Views
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