मुक्तक– किसका करें विश्वास, रहता उसी पर विश्वास
मुक्तक —- (१)
किसका करे विश्वास ,समझ नहीं आता है।
हर कोई विश्वास दिलाए, वक्त पड़े नहींआता है।
क्यों करते हो चिंता, साथ तुम्हारा हम देंगे।
जब जब घेरे संकट यारा,यह तन अकेला रहता है।।
(२)
मुकद्दर दे गर साथ,धन हो अगर अपने पास।
बन जाते सारे ही खास, मंडराते रहते आसपास।
निर्धन का वही रखवाला, कहते जिसको ऊपर वाला।
आस्था उसी में रहती उसकी, रहता उसी पर विश्वास।।
राजेश व्यास अनुनय