मीठी बोली है औषधि
ख़ुशी से भरेगी अपनी झोली,
औषधि सी होती मीठी बोली।
उदाश चेहरे भी खिल जाते हैं,
मुश्किल में राह निकल जाते हैं।
गैर अपने हो जाया करते हैं,
दुःख में साथ-साथ चलते हैं।
मन के बोझ हल्का कर देता,
मन को सुकून शामो सहर देता।
फ़रिश्ते सा है मीठी बोलने वाला,
कानों में शहद घोलने वाला।
नूर फातिमा खातून “नूरी”
शिक्षिका जिला-कुशीनगर