मित्रता
विधा.. कलहंस/हंसगति
प्रदत्त शब्द — सलामत, हिफाजत अदावत
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??मित्रता??
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रहे सलामत यार, दुआ हम करते।
मित्र ईश वरदान, साथ को मरते।।
पड़े मुसीबत मित्र, हिफाजत करते।
बहुबाधित भयभीत, मित्र कब डरते।।
यारी है अनमोल, जगत में यारो।
मित्र का रखो मोल, हिय में उतारो।।
हर विपदा का त्राण, मित्र बनता है।
रहे सलामत यार, त्रास हरता है।।
करे अदावत भाग्य, मित्र लडता है।
हर मुश्किल आसान, यार करता है।।
खुशियों की सौगात,मित्र से मिलता।
रहे सलामत यार, हर्ष हिय खिलता।।
यारों के हम यार, निभाते यारी।
यारी हमको यार, जान से प्यारी।।
मित्र सुदामा कृष्ण, मित्रता इनकी।
उपमाएं हम आज, दे रहे जिनकी।।
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✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”