Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2017 · 1 min read

मित्रता (मुक्तक)

“मित्रता”

बनी ये मित्रता हमराज़ दिल की शान होती है।
यही सुख दुख भरोसे की सही पहचान होती है।
सदा हँस कर निभाना साथ नफ़रत को मिटा कर तुम-
भुला कर भेद मजहब के खिली मुस्कान होती है।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी(मो.-9839664017)

Language: Hindi
1 Like · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-412💐
💐प्रेम कौतुक-412💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
2670.*पूर्णिका*
2670.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Kabhi kabhi hum
Kabhi kabhi hum
Sakshi Tripathi
रण
रण
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अपने हक की धूप
अपने हक की धूप
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
धूतानां धूतम अस्मि
धूतानां धूतम अस्मि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मैं और तू"
Dr. Kishan tandon kranti
मिस्टर मुंगेरी को
मिस्टर मुंगेरी को
*Author प्रणय प्रभात*
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Shivkumar Bilagrami
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तरस रहा हर काश्तकार
तरस रहा हर काश्तकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
शुभ रक्षाबंधन
शुभ रक्षाबंधन
डॉ.सीमा अग्रवाल
" दम घुटते तरुवर "
Dr Meenu Poonia
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
Shweta Soni
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नर से नर पिशाच की यात्रा
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...