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1 Aug 2021 · 1 min read

मित्रता दिवस की शुभकामनाएं

तोड़ सकते हैं गगन से भी सितारे
दोस्त सच्चे हों अगर जग में हमारे

ग़म मिले या हो ख़ुशी की बात कोई
दोस्त ही बढ़कर हमें देते सहारे

दोस्त तो रखते नहीं कोई अपेक्षा
इसलिये लगते हमें ये सबसे प्यारे

हो अगर मझदार में कश्ती हमारी
हौसला दे दोस्त ले जाते किनारे

दोस्ती में दिल से दिल ऐसे जुड़े हैं
ख़ून के रिश्ते भी इसके आगे हारे

वक़्त का अहसास भी रहता नहीं है
साथ जब भी दोस्त होते हैं हमारे

‘अर्चना’ होने न देते दोस्त बूढ़ा
हैं हमें संजीवनी से दोस्त सारे

0108-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

4 Likes · 2 Comments · 301 Views
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