Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2021 · 1 min read

मिट जायेगी सारी गम।

मिट जाएगी तेरी वह सारी गम। यहां पर तो हम खुशियां मनाने आए हैं। हर एक कली को महकाने आये हैं।जीवन से करता रहे सितम । मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। तूं खड़ा है खुशियां के ढेर पर । लेकिन हीरा निकाल रहा गड्डे को खोद कर।बस देखने का नजरिया बदल दे हर दम।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। क्यो कर रहा है चिन्ता तेरा क्या रखा हैं।बेमतलब की बातों में उलझाए रखा है।पता नहीं कुछ भी क्या है कर्म।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम। क्या लेकर आया था और क्या लेकर जायेगा।खाली हाथ आया था और खाली हाथ ही जायेगा। अभी समय है क्यो कर रहा है सितम हां सितम।मिट जाएगी तेरी बो सारी गम।।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फल आयुष्य
फल आयुष्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जियो जी भर
जियो जी भर
Ashwani Kumar Jaiswal
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
श्याम सिंह बिष्ट
एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पढ़ाई के सारे कोर्स करने से अच्छा
एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पढ़ाई के सारे कोर्स करने से अच्छा
Dr. Man Mohan Krishna
मोहब्बत
मोहब्बत
AVINASH (Avi...) MEHRA
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
Yogini kajol Pathak
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
The only difference between dreams and reality is perfection
The only difference between dreams and reality is perfection
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अंकुर
अंकुर
manisha
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यूँ ही
यूँ ही
Satish Srijan
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
विचारमंच भाग -2
विचारमंच भाग -2
डॉ० रोहित कौशिक
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
*आजादी का अर्थ है, हिंदी-हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
*आजादी का अर्थ है, हिंदी-हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Sakshi Tripathi
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
स्वजातीय विवाह पर बंधाई
स्वजातीय विवाह पर बंधाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ओ पथिक तू कहां चला ?
ओ पथिक तू कहां चला ?
Taj Mohammad
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...