Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2020 · 1 min read

हम खुद से हारे हैं

हम खुद से हारे हैं
बदले- बदले जो
अंदाज़ तुम्हारे हैं

भूले वादे अपने
जो दिखलाये थे
सब तोड़ दिये सपने
आँसू के धारे हैं
बदले -बदले जो
अंदाज़ तुम्हारे हैं

खुश थे तुमको पाकर
पाँव न पड़ते थे
तब अपने धरती पर
भूले न नज़ारे हैं
बदले -बदले जो
अंदाज़ तुम्हारे हैं

खुद आगे आते हो
फिर उसके ही तुम
अहसान जताते हो
किस ओर इशारे हैं
बदले -बदले जो
अंदाज़ तुम्हारे हैं

कुछ तुमसे कब चाहा
स्वप्न तुम्हारे थे
अपने मन मे ताहा
अब प्रश्न हमारे हैं
बदले -बदले क्यों
अंदाज़ तुम्हारे हैं

09-06-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

6 Likes · 1 Comment · 393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
जबरदस्त विचार~
जबरदस्त विचार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
VINOD CHAUHAN
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
वक़्त का आईना
वक़्त का आईना
Shekhar Chandra Mitra
ताशीर
ताशीर
Sanjay ' शून्य'
यह मकर संक्रांति
यह मकर संक्रांति
gurudeenverma198
जिंदगी एक सफ़र अपनी
जिंदगी एक सफ़र अपनी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
मछली कब पीती है पानी,
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
*Author प्रणय प्रभात*
💐अज्ञात के प्रति-51💐
💐अज्ञात के प्रति-51💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दशावतार
दशावतार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बौराये-से फूल /
बौराये-से फूल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
Vivek Pandey
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
पूर्वार्थ
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
Arvind trivedi
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
बचपन बेटी रूप में
बचपन बेटी रूप में
लक्ष्मी सिंह
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
Suryakant Dwivedi
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
Loading...