Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2020 · 1 min read

मारो गोली गद्दारों को

मारो गोली गद्दारों को,
ऐसे नेता मक्कारों को।
जो बात करे ना थाली की,
ना बेटी के रखवाली की।
जो बात करे ना धोती की,
बस बात करे जो बोटी की।
ऐसे कायर हत्यारों को,
मारो गोली………..
ऐसे नेता ……..

जो बात करे ना रोजी की,
सीमा पर मरते फौजी की।
जो बात करे न पढ़ाई की,
ना बिजली की न दवाई की।
जो भूले बोस के नारों को,
मारो गोली……….
ऐसे नेता……………

जो हिन्दू मुस्लिम गाते हैं,
यूं ही जन को भड़काते हैं।
जो बात करे ना नंगों की,
बस बात करे जो दंगों की।
इन धरम के ठेकेदारों को,
मारो गोली………..
ऐसे नेता………….

जो चलनी मे है पानी भरते,
मां की छाती छलनी करते।
जो बात करे ना बुलंदी की,
बस बात करे प्रतिद्वंद्वी की।
जो छीने जन अधिकारों को,
मारो गोली……….
ऐसे नेता…………

जो भारत पाक ही गाते हैं,
बापू को भी मरवाते हैं।
जो बात करे ना निर्बल की,
बस बात करे जो धनबल की।
जो बांटे नदिया के धारों को,
मारो गोली………..
ऐसे नेता……….

जो भाई को आतंकी बोले,
जनमन मे है नफरत घोले।
जो बात करे ना घावों की,
बस बात करे जो दावों की।
जो बांटे चाँद सितारों को,
मारो गोली………….
ऐसे नेता……………
जटाशंकर “जटा”
१०-०२-२०२०

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 1218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
"समय से बड़ा जादूगर दूसरा कोई नहीं,
Tarun Singh Pawar
रंगों  की  बरसात की होली
रंगों की बरसात की होली
Vijay kumar Pandey
Hajipur
Hajipur
Hajipur
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिन्द की हस्ती को
हिन्द की हस्ती को
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
कवि रमेशराज
3253.*पूर्णिका*
3253.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कवि दीपक बवेजा
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
अरशद रसूल बदायूंनी
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
तुम इन हसीनाओं से
तुम इन हसीनाओं से
gurudeenverma198
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
SPK Sachin Lodhi
धोखा था ये आंख का
धोखा था ये आंख का
RAMESH SHARMA
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
ग़म
ग़म
Harminder Kaur
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Mahender Singh
शायरी 2
शायरी 2
SURYA PRAKASH SHARMA
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...