माना ज्ञान किताबों में न कम होता है
माना ज्ञान किताबों में न कम होता है
अनुभव में भी बहुत ज्यादा दम होता है
प्यार में होता कहीं विरह तो कहीं मिलन
भीगा भीगा सा हर मौसम होता है
नफरत केवल शूल चुभोती है दिल मे
प्यार लगाने वाला मरहम होता है
कौन तुम्हारा है देखो जग में अपना
पहचान कराने वाला गम होता है
मैं कहने में भाव झलकता मैं का भी
अपनापन रखने वाला हम होता है
दर्द ‘अर्चना’ सोने नहीं हमें देते
रोते रोते तकिया भी नम होता है
डॉ अर्चना गुप्ता
01-12-2017