**मानव हैं हम–मानव ही बने रहे!
जरूरी तो नहीं कि ,मेरा लिखा सभी को भाए।
विचारों की होती श्रंखला ,सब अपने-अपने विचार लाएं।
अच्छा लगे तो अपनाएं ,कमी दिखे तो बताएं।
कम से कम विचारों की ,श्रंखला तो चलती जाए।।
जीवन में हमेशा पथ वही अपनाएं।
सद वृत्ति के साथ जो ,हमें मंजिल दिलाएं।
मानव है हम ,मानव ही बने रहे।
हमारी बिरादरी में ,समभाव आ जाएं।।
भरोसे से चलती दुनिया ,विश्वास तो जगाएं।
दिखे जहां अंधकार, दीपज्योति जलाएं।
ज्ञान का फैले प्रकाश, अज्ञान का हो ह्रास।
जब तक सांसे अनुनय, जीवन रोशन करते जाएं।।
राजेश व्यास अनुनय