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30 Oct 2017 · 1 min read

माथे पर शिकन

लो बन गया
हमारे माथे पर शिकन
चिंता की थपेड़ों से ,
भूल न करना पहचानना
मत कहना भाग्यरेखा इसे;
भाग्यरेखा हमारे कहा
अभागे जन्मे है हम,
दुर्भाग्य हमारा साथी है
आपदा रोकते है कदम;
खुला आकाश छत हमारा
धरती हमारे लिए आसन,
लाख शिकन माथे पर और
मुस्कुराने की कोशिश हर छण।

Language: Hindi
1 Like · 1187 Views
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