Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2019 · 1 min read

माटी के सपूत

हे माटी के सपूत! तुम्हें शत-शत नमन,
बंजर पड़ी धरा भी तुम बना देते चमन।
बाजुओं में जमाने की ताक़त है तुम्हारे ।
तुम पर ही आश्रित हैं शहर-गांव हमारे ।
शहरी चकाचौंध हो या हों गांव गलियारे ।
हे धरतीपुत्र ! हैं सब मात्र तुम्हारे सहारे।
कसरत से तुम्हारी “मयंक” मात्र ही नहीं,
चमकते हैं दुनिया में असंख्य चाँद-सितारे ।
✍ के. आर. परमाल “मयंक”

Language: Hindi
3 Likes · 592 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Fool's Paradise
Fool's Paradise
Shekhar Chandra Mitra
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
Dushyant Kumar
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
गुड़िया
गुड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जितना सच्चा प्रेम है,
जितना सच्चा प्रेम है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"तलबगार"
Dr. Kishan tandon kranti
2488.पूर्णिका
2488.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
पूर्वार्थ
इश्क़ में
इश्क़ में
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
Dr fauzia Naseem shad
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
ख्वाहिशे  तो ताउम्र रहेगी
ख्वाहिशे तो ताउम्र रहेगी
Harminder Kaur
तुम शायद मेरे नहीं
तुम शायद मेरे नहीं
Rashmi Ranjan
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
मुश्किलें
मुश्किलें
Sonam Puneet Dubey
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कोई बात नहीं देर से आए,
कोई बात नहीं देर से आए,
Buddha Prakash
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
Ranjeet kumar patre
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
Shubham Pandey (S P)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#Secial_story
#Secial_story
*Author प्रणय प्रभात*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
Loading...