Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2018 · 1 min read

मां

मां एक शब्द नहीं,
एहसास है
मां वह कल्प वृक्ष है,
जो पूर्ण करती सभी मनोरथ को,
देवताओं कि हमें जरूरत नहीं,
जब तक दुनिया में मां खड़ी
मां वह कवच है,
जो छोड़ती ना कभी साथ है
मां धैर्य की धारा है,
मां ममता की मूरत है,
ईश्वर भी तरसते हैं,
मां के लिए
मां एक शक्ति है,
जिसकी बराबरी ना कर सके कोई
मां मेरे हर ज़ख्म की दवा है,
कभी सोच करके तो देखो
मां ने दिया कितने बलिदान है

नाम-पता राधा कुमारी झा

हावङा, पश्चिम बंगाल

6 Likes · 31 Comments · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
है हिन्दी उत्पत्ति की,
है हिन्दी उत्पत्ति की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
Milo kbhi fursat se,
Milo kbhi fursat se,
Sakshi Tripathi
#पंचैती
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
यदि मन में हो संकल्प अडिग
यदि मन में हो संकल्प अडिग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"कलम की ताकत"
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं देखा....🖤
नहीं देखा....🖤
Srishty Bansal
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
आर.एस. 'प्रीतम'
मनोरमा
मनोरमा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Lohit Tamta
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
Taj Mohammad
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
#ॐ_नमः_शिवाय
#ॐ_नमः_शिवाय
*Author प्रणय प्रभात*
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
Paras Nath Jha
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...