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30 Nov 2018 · 1 min read

मां तपस्विनी

———————————————
‘मां तपस्विनी’
———————————————–
है कहां?
वो घर तपोवन?
सिकुड़ गया,
घर का आंगन।
कहीं किसी कोने में,
तपस्विनी सी बैठी है;
थकी मांदी
नैनन मे नींद भरी है,
चूल्हा,चौका, बुहार,
बैठी छुटकु की
बाट निहार,
कब आएगा?
तब खायेगा,
दिन-प्रतिदिन /का किस्सा है।
भूखी रह खुद
सब सह जाती
दुख कोअपने,
कहां बथाती?
सबकी प्यारी मां।
है कहां?
वो घर तपोवन
जहां बैठी है!
मां तपस्विनी!
———————————
राजेश’ललित’शर्मा
————————————

9 Likes · 21 Comments · 518 Views
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