Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2017 · 1 min read

माँ!!

ज़िन्दगी में जिसके माँ नही होती है
उनसे पूछो माँ की कमी क्या होती है।।

जब आफ़त मेरे सर पे आन पड़ती है
सिखाई माँ की सीख याद पड़ती है।।

आँधियों में भी चरागों को जलाये रखती हैं
माँ की दुआएँ खुद में इतना असर रखती है।।

माँ की सीख अब कड़वी लगती है
नया है ज़माना नई रौशनी है।।

अनपढ़,गँवार है खूब चिल्लाती भी है
ज़िन्दगी की नई सीख सिखाती भी है।।

उनकी किस्मत नही रूठती उनसे कभी भी
ज़िन्दगी में करते काम,होती माँ की खुशी है।।

अपने खून से सींचती हैं,सँवारती पालती है
माँ की दुआओ से ही अब रौशन ये जिंदगी हैं।।

-आकिब जावेद

3 Likes · 360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
Siksha ke vikas ke satat prayash me khud ka yogdan de ,
Siksha ke vikas ke satat prayash me khud ka yogdan de ,
Sakshi Tripathi
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
Kanchan Khanna
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
'Being human is not that easy..!' {awarded poem}
'Being human is not that easy..!' {awarded poem}
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
Ravi Prakash
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kumar lalit
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
शेखर सिंह
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
💐प्रेम कौतुक-308💐
💐प्रेम कौतुक-308💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माना   कि  बल   बहुत  है
माना कि बल बहुत है
Paras Nath Jha
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड
Sandeep Pande
तोड़ कर खुद को
तोड़ कर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
Loading...