माँ
तेरे एहसानों का शुक्रिया अदा
कैसे करूँ माँ
मैं तो दोज़ख़ के भी
क़ाबिल न था
तूने सीने से लगा,
जन्नत का बाशिंदा बना दिया।
-✍️अटल
तेरे एहसानों का शुक्रिया अदा
कैसे करूँ माँ
मैं तो दोज़ख़ के भी
क़ाबिल न था
तूने सीने से लगा,
जन्नत का बाशिंदा बना दिया।
-✍️अटल