माँ
माँ तो माँ ही होती है
जब भी देखो अपने बच्चों की चिंता में होती है
सोए हुए बच्चे होते है
वो नींदे अपनी खोयी होती है
माँ तो माँ होती है
जब बच्चा रोता है तो
माँ की हँसी भी गायब होती है
बच्चे की हर ख्वाईश की ख़ातिर
अपनी ख्वाईश से मुख मोड़ती है
आखिर माँ ही तो माँ होती है
दर्द सह कर नाज़ाने कितने
फ़िर भी कभी नही रोती है
अपने दर्द को नाज़ाने वो कैसे
संजोए होती है
माँ ही तो माँ होती है
नौ माह तक गर्भ में रखती
हर पीड़ा को हँस के सह लेती है
अपने बच्चे की मुस्कान को देख
पीड़ा को हर लेती है
माँ ही तो माँ होती है
भूपेंद्र रावत
9।08।2017