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30 Nov 2018 · 1 min read

माँ

जब कभी मुश्किलें मुझ पे आ जाती है।
ज़िन्दगी राह मुझको दिखा जाती है।।

याद है आज भी माँ की लोरी मुझे।
गुनगुनाऊँ अगर तो सुला जाती है।।

मुश्किलों से हमें दूर रखती सदा।
आँख आँसू भरी माँ छुपा जाती है।।

साथ रहती सदा हो ख़ुशी या हो गम।
वो ख़ुशी और गम में निभा जाती है।।

माँ की नज़रों से छुपती नहीं है कभी।
ग़लतियाँ वो हमारी छुपा जाती है।।

मेरे घर पर नहीं है अलार्म घड़ी।
सुब्ह ज़ल्दी मुझे माँ जगा जाती है।।

सुधीर बमोला

3 Likes · 21 Comments · 302 Views
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