Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2018 · 1 min read

”माँ”

मुझे नजर न लगेगी किसी की
मेरी माँ मुझको काजल लगाती
तू है बहुत प्यारा सुन्दर सलौना
मुझे अपनी आँखों का तारा बताती
मुझे क्या पसंद है पता है उसे सब
चाहूँ मैं जो भी वो मुझको खिलाती

पलना में झूलूँ गुड़िया से खेलूं
परियो की गाथा सुना के सुलाती
बचपन कहाँ गुम हुआ है जी मेरा
बचपन की यादे बहुत है सताती
कक्षा में अब्वल मैं आऊंगा अब तो
मेरी माँ गुरु बन के मुझको पढ़ाती

मुझे खुद से ज्यादा जानती है माँ
मुझे सही राहो पे चलना सिखाती
माँ से बड़ा नही है कोई जग में
घर को मेरी माँ जन्नत बनाती
नन्हा पर आशीष माँ का सदा है
सपने कैसे पूरे करूँ मैं सिखाती।

स्वरचित- शिवेश हरसूदी खिरकिया जिला हरदा (म.प्र.)

7 Likes · 31 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सब की नकल की जा सकती है,
सब की नकल की जा सकती है,
Shubham Pandey (S P)
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
"ऐनक"
Dr. Kishan tandon kranti
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
Naushaba Suriya
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023
Sandeep Pande
भीड़ की नजर बदल रही है,
भीड़ की नजर बदल रही है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
जिसके ना बोलने पर और थोड़ा सा नाराज़ होने पर तुम्हारी आँख से
जिसके ना बोलने पर और थोड़ा सा नाराज़ होने पर तुम्हारी आँख से
Vishal babu (vishu)
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-301💐
💐प्रेम कौतुक-301💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
पैसा
पैसा
Kanchan Khanna
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो भक्त महादेव का,
जो भक्त महादेव का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ख़ाक हुए अरमान सभी,
ख़ाक हुए अरमान सभी,
Arvind trivedi
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
Loading...