Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 1 min read

माँ

????
हर मोहब्बत
आँखों में पानी ला देती है,
एक माँ की ममता
होठ पर सदा मुस्कुराती है।
????

????
जब भी माँ याद आती है,
एक मीठी-सी लोरी कानों में गूँज जाती हैं।
सारे गम जाने कहां फिर फुर्र हो जाती है।
सदा एक साया बन मेरे वो साथ रहती है।
मेरे हर कदम पर वो मेरा हौसला बढाती है।
????—लक्ष्मी सिंह ??

Language: Hindi
572 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Sakshi Tripathi
सनम
सनम
Sanjay ' शून्य'
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"तू है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
Dr fauzia Naseem shad
जीवन के सुख दुख के इस चक्र में
जीवन के सुख दुख के इस चक्र में
ruby kumari
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रेत बाधा एव वास्तु -ज्योतिषीय शोध लेख
प्रेत बाधा एव वास्तु -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
कृष्ण मलिक अम्बाला
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
Dr Archana Gupta
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राजा जनक के समाजवाद।
राजा जनक के समाजवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
2578.पूर्णिका
2578.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
■ लिख कर रखिए। सच साबित होगा अगले कुछ महीनों में।
■ लिख कर रखिए। सच साबित होगा अगले कुछ महीनों में।
*Author प्रणय प्रभात*
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...