Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2018 · 1 min read

माँ

कोई बला जब हम पर आई ,माँ को खुद पर लेते देखा !
हुआ हादसा साथ हमारे ,माँ को बहुत तड़पते देखा !
………………………………..
हो तकलीफ हमें न कोई ,साँझ-सवेरे खटते देखा !
कभी नहीं संकट के आगे ,हमनें माँ को झुकते देखा !
…………………………………
ऊपर-नीचे अंदर-बाहर ,माँ को फिरकी बनते देखा !
नहीं आखिरी दिन तक हमने ,माँ को थककर सोते देखा !
………………………………
जब जब ठोकर खाई हमने ,माँ को हमें उठाते देखा !
माँ से बढ़कर इस सृष्टि में ,हमनें नहीं किसी को देखा !
………………………………
साँस थामकर हमने माँ को ,दूर बहुत है जाते देखा !
पूजे जाते भगवानों में ,माँ का रूप समाते देखा !

डॉ शिखा कौशिक ‘नूतन’
कांधला (शामली)

11 Likes · 43 Comments · 868 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो कभी दूर तो कभी पास थी
वो कभी दूर तो कभी पास थी
'अशांत' शेखर
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
मौन अधर होंगे
मौन अधर होंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
"अवसाद"
Dr Meenu Poonia
तिरंगा बोल रहा आसमान
तिरंगा बोल रहा आसमान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
Shweta Soni
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
DrLakshman Jha Parimal
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
18. कन्नौज
18. कन्नौज
Rajeev Dutta
नहीं कभी होते अकेले साथ चलती है कायनात
नहीं कभी होते अकेले साथ चलती है कायनात
Santosh Khanna (world record holder)
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
*दे दो पेंशन सरकार*
*दे दो पेंशन सरकार*
मानक लाल मनु
💐प्रेम कौतुक-376💐
💐प्रेम कौतुक-376💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वह है बहन।
वह है बहन।
Satish Srijan
जाति-धर्म में सब बटे,
जाति-धर्म में सब बटे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमसे बात ना करो।
हमसे बात ना करो।
Taj Mohammad
.तेरी यादें समेट ली हमने
.तेरी यादें समेट ली हमने
Dr fauzia Naseem shad
"सोचो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
श्याम सिंह बिष्ट
Loading...