Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ
●●●
माँ कहती रहती है जिसको फूल फूल बस फूल
पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल
●●●
पेट काटकर जिसको पाला
जिसकी बाहें माँ की माला
कितना बदल गया है देखो
माँ पर प्यार लुटाने वाला
माँ के सारे उपकारों को समझे आज फिजूल-
पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल
●●●
आलीशान महल है भाई
घरवाले भी झूम रहे हैं
धुले-धुलाये फर्नीचर भी
इक दूजे को चूम रहे हैं
लेकिन माँ के मुखड़े पर तो जमी हुई है धूल-
पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल
●●●
अंत समय में सपने सारे
तिल-तिल पल-पल टूट रहे हैं
माँ के मधुर हृदय से लेकिन
शब्द दुआ के फूट रहे हैं
माँ तो देना जाने है बस करती कहाँ वसूल-
पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल

– आकाश महेशपुरी
कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
मो- 9919080399

(“माँ” – काव्य प्रतियोगिता)

23 Likes · 183 Comments · 951 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
*दीवाली मनाएंगे*
*दीवाली मनाएंगे*
Seema gupta,Alwar
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
#करना है, मतदान हमको#
#करना है, मतदान हमको#
Dushyant Kumar
मनुष्य की महत्ता
मनुष्य की महत्ता
ओंकार मिश्र
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
निभा गये चाणक्य सा,
निभा गये चाणक्य सा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*चाहता दो वक्त रोटी ,बैठ घर पर खा सकूँ 【हिंदी गजल/ गीतिका】*
*चाहता दो वक्त रोटी ,बैठ घर पर खा सकूँ 【हिंदी गजल/ गीतिका】*
Ravi Prakash
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
मेरा होकर मिलो
मेरा होकर मिलो
Mahetaru madhukar
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Quote..
Quote..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
पूर्वार्थ
" महखना "
Pushpraj Anant
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
2600.पूर्णिका
2600.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
तेरी हर ख़ुशी पहले, मेरे गम उसके बाद रहे,
तेरी हर ख़ुशी पहले, मेरे गम उसके बाद रहे,
डी. के. निवातिया
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किताब का दर्द
किताब का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
कोयल (बाल कविता)
कोयल (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
श्रीराम वन में
श्रीराम वन में
नवीन जोशी 'नवल'
Loading...