माँ से सब मिला
माँ से सब कुछ मिला
माँ से ही मुझें दुनियां की हर खुशी मिली,
माँ से ही मेरे दिल के चमन की कलिया खिली।
ममतामयी माँ का कितना गुणगान करूँ।
माँ से ही मुझें ये जन्नत मिली।।।।।।
माँ से ही ममता मिली।
माँ से ही समता मिली।
माँ से ही प्यार मिला।
माँ से ही दुलार मिला।
माँ से ही बचपन मे गान मिला।
माँ से जग में मुझे सम्मान मिला।
माँ से ही ये अनुपम धरा मिली,
माँ से ही मुझें अनमोल देह मिली।
माँ से मेरी आशा ओ को पूर्ण मान मिला,
माँ से अभिलाषाओं का चमन खिला।
माँ से ही आँचल की छाँव मिली।
माँ से ही नैनों से प्रेम की बरसात मिली।
माँ से ही मुझे इस जहाँ का गगन मिला।
माँ से ही मुझे ये हम वतन मिला।।।
माँ से मुझे मधुर शब्द वाणी मिली।
माँ से ही मुझे प्रथम माँ वीणा पाणी मिली।
माँ से ही नेह मिला।
माँ से ही स्नेह मिला।
माँ तो माँ होती दोस्तों।
माँ से ही ये दुर्लभ जीवन संसार मिला।।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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