Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

माँ शारदा उपकार दे!

हे विद्यादायनी अमृतज्ञान प्रदायनी
इसबार वरदान दे!
संसार पर निज उपकार दे!
हर राज्य ग्राम देश मे
फैला हुआ है आतंकवाद
धर्म मज़हब भाषा विचार का
चल रहा है अजब व्यापार
सरहद की दीवारें
गोली की बौछारे
को अब विराम दे!
हे वीणावादिनी ममतामयी
करुणा से अब काम ले
इसबार बसंत की हवाओ मे थोड़ा प्रेम उपहार दे!
हे शारदा इंसान को
इंसान बन जाने का
शुभ मंगल आशीर्वाद दे!

हे विद्यादायनी अमृतज्ञान प्रदायनी
इसबार वरदान दे!
संसार पर निज उपकार दे!

Language: Hindi
593 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
Buddha Prakash
Open mic Gorakhpur
Open mic Gorakhpur
Sandeep Albela
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
आज सभी अपने लगें,
आज सभी अपने लगें,
sushil sarna
नया भारत
नया भारत
दुष्यन्त 'बाबा'
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
हे माधव
हे माधव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ना नींद है,ना चैन है,
ना नींद है,ना चैन है,
लक्ष्मी सिंह
* गूगल वूगल *
* गूगल वूगल *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
मानवता की चीखें
मानवता की चीखें
Shekhar Chandra Mitra
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
कवि रमेशराज
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
DrLakshman Jha Parimal
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
देशभक्ति जनसेवा
देशभक्ति जनसेवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब कोई महिला किसी के सामने पूर्णतया नग्न हो जाए तो समझिए वह
जब कोई महिला किसी के सामने पूर्णतया नग्न हो जाए तो समझिए वह
Rj Anand Prajapati
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
यहाँ पर सब की
यहाँ पर सब की
Dr fauzia Naseem shad
मेरा प्रदेश
मेरा प्रदेश
Er. Sanjay Shrivastava
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Wo mitti ki aashaye,
Wo mitti ki aashaye,
Sakshi Tripathi
Loading...