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17 May 2017 · 1 min read

माँ बनकर मैं खुद को जानी

माँ बनकर
मैं खुद को जानी,
माँ का पूरा
रूप पहचानी।
ईश्वर से
पाकर दो बेटी,
बचपन जी रही हूँ,
मैं फिर से अपनी।
कुछ अधूरे
सपने थे अपनी,
बेटी के माध्यम से
हो रही है पूरी।
-लक्ष्मी सिंह

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