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30 Jul 2020 · 1 min read

माँ गंगे

हे माँ गंगे , अपना सा पावन तन कर दो

ताप मन के हर स्वच्छ भाव से भर दो

कलुषित करते तुझक़ो जन बहुविध प्रकार

पर तू ह्दय कलेवर निर्मल धार से तर कर

Language: Hindi
77 Likes · 2 Comments · 457 Views
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