Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2020 · 1 min read

माँ क्रोधित हैं छोड़ दिये सोलह श्रंगार ( कन्या,नदियाँ, धरती,गौ )

माँ

माँ क्रोधित हैं,छोड़ दिये सोलह श्रंगार।
लेके आयी हैं मैया, अब चंडी अवतार।।

नौ दिन कन्या को माँ रूप माना।
दसवे ही दिन से फिर तांके जमाना।
जब बेटी पर देखा जो होते दुराचार।
मैया शेरों पे बैठी, लिये तलवार।।
माँ क्रोधित हैं——

गंगा ,नर्मदा और यमुना भी दूषित।
पूजा सामग्री और नाले करते प्रदूषित।।
जहाँ बहती थीं ,नदियां बची पतली धार।
सृष्टि संकट में,चिंता में हैं पालनहार।।
माँ क्रोधित हैं——

चुनरी चढ़ाई और ज्योत जलायी।
मंत्र पढ़े फिर क्यों माँ नहीं आयी।।
देखा जैसे ही वृक्षों को कटते अपार।
दौड़ी सुनते ही धरती की करुण पुकार।।
माँ क्रोधित हैं——

सड़कों पर गौ माता भूखी रम्भावें।
घी,दूध,खीर, भोग मुझे न सुहावे।।
मेरी पूजन तुम छोड़ो उसे बांधो द्वार।
वो ही करती उद्धार है ,वैतरणी पार।।
माँ क्रोधित हैं ——-

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
p/s खिरैंटी
साईंखेड़ा

Language: Hindi
Tag: गीत
375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*डुबकी में निष्णात, लौट आता ज्यों बिस्कुट(कुंडलिया)*
*डुबकी में निष्णात, लौट आता ज्यों बिस्कुट(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
gurudeenverma198
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Open mic Gorakhpur
Open mic Gorakhpur
Sandeep Albela
अग्निपरीक्षा
अग्निपरीक्षा
Shekhar Chandra Mitra
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
कुछ नही हो...
कुछ नही हो...
Sapna K S
Success rule
Success rule
Naresh Kumar Jangir
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
ruby kumari
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
Sanjay ' शून्य'
!! फूलों की व्यथा !!
!! फूलों की व्यथा !!
Chunnu Lal Gupta
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
देशभक्ति पर दोहे
देशभक्ति पर दोहे
Dr Archana Gupta
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
श्याम सिंह बिष्ट
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटी और प्रकृति
बेटी और प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
Surinder blackpen
■ #नव_वर्षाभिनंदन
■ #नव_वर्षाभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
साँसें कागज की नाँव पर,
साँसें कागज की नाँव पर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां
तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
Buddha Prakash
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
Sunita jauhari
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
अजीब बात है
अजीब बात है
umesh mehra
Loading...