Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2018 · 1 min read

माँ को लगता है

माँ को लगता है
बेटा उसकी फ़िक्र नहीं करता
पर वो नहीं जानती जब वो नंगे पाँव चलकर
अपने पैर में कुछ चुभो लेती है
तो दर्द बेटे को भी होता है

माँ को लगता है
बेटा उसे डांटता रहता है
पर वो नहीं जानती जब वो भूल से ही गैस का बर्नर
बंद करना भूल जाती है तो उसके ना होने के डर से ही
उसका बेटा डरता रहता है

माँ को लगता है
उसका बेटा उसकी देखभाल नहीं करता
पर माँ को क्या पता जब वो नींद में होती है
बेटा चुपके से उसकी मालिश कर रहा होता है

माँ को लगता है
उसका बेटा जी लेगा उसके बिना भी पर माँ को क्या पता
जब माँ को दर्द होता है बेटा भी कहाँ चैन से सोता है.

नाम–अभिषेक राजहंस
शहर-रोसड़ा

4 Likes · 35 Comments · 602 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
💐प्रेम कौतुक-270💐
💐प्रेम कौतुक-270💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पड़े विनय को सीखना,
पड़े विनय को सीखना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
Anand Kumar
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
आप अपना कुछ कहते रहें ,  आप अपना कुछ लिखते रहें!  कोई पढ़ें य
आप अपना कुछ कहते रहें , आप अपना कुछ लिखते रहें! कोई पढ़ें य
DrLakshman Jha Parimal
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
आरुष का गिटार
आरुष का गिटार
shivanshi2011
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
* हो जाओ तैयार *
* हो जाओ तैयार *
surenderpal vaidya
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
मेरी ख़्वाहिश
मेरी ख़्वाहिश
Dr fauzia Naseem shad
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
बिल्ली
बिल्ली
Manu Vashistha
*ट्रस्टीशिप : सनातन वैराग्य दर्शन का कालजयी विचार*
*ट्रस्टीशिप : सनातन वैराग्य दर्शन का कालजयी विचार*
Ravi Prakash
बोल
बोल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम दोनों के दरमियां ,
हम दोनों के दरमियां ,
श्याम सिंह बिष्ट
जय जय जय जय बुद्ध महान ।
जय जय जय जय बुद्ध महान ।
Buddha Prakash
याद कब हमारी है
याद कब हमारी है
Shweta Soni
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Rajni kapoor
*बहुत कठिन डगर जीवन की*
*बहुत कठिन डगर जीवन की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...